Saturday, April 9, 2011

आखिरकार केंद्र सरकार ने घुटने टेक दिये

राजधानी के जंतर-मंतर पर 97 घंटे तक अनशन पर बैठे रहे अन्ना हजारे के आखिरकार

केंद्र सरकार ने घुटने टेक दिये। सच पूछिए तो 9 अप्रैल का दिन एक और आजादी

लेकर आया है। यानी 63 साल बाद देश एक बार फिर आजाद हुआ है। ये आजादी है

भ्रष् तंत्र से छुटकारा दिलाने की, ये आजादी है देश को लूट-खसोट से

मुक्ति दिलाने की। केंद्र सरकार ने जल् ही लोकपाल विधेयक लाने का वादा

किया है। यह बात तय है कि अगर स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस् तक लोकपाल

विधेयक पारित नहीं हुआ तो इस बार जंतर-मंतर नहीं बल्कि दिल्ली का लाल किला

भारत का तहरीर चौक बनेगा।



अन्ना हजारे ने कहा कि यदि 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह

दोबारा आंदोलन करेंगे। अन्ना ने कहा कि वह इस आंदोलन के दौरान देश भर में

विभिन्न प्रदेशों में अनशन करने वाले लोगों से वह मुलाकात करेंगे और सबसे

सम्पर्क स्थापित करते हुए एक संगठन की नींव रखेंगे। आजादी की लड़ाई के समय

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू जैसे देशभक्तों ने इंकलाब जिंदाबाद और वंदे

मातरम के नारे लगाकर जहां गोरे अंग्रेजों के नींद उड़ाई थी वहीं दूसरी

आजादी के इस आंदोलन में नौजवानों ने यह नारे लगाकर 'काले अंग्रेजों' की

नींद उड़ाई है

Monday, April 4, 2011

नकली नोट रिजर्व बैंक और सरकार

-- नकली नोट पर अब तक का सबसे बडा ख़ुलासा
-- रिजर्व बैंक के ख़जाने में नकली नोट कैसे पहुँचे
-- सीबीआई ने रिजर्व बैंक में क्यों छापा मारा
-- नकली नोट के खुलासे से यूरोप में भुचाल क्यों आया

\"एक जानकारी जो पूरे देश से छुपा ली गई, अगस्त 2010 में सीबीआई की टीम ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के वाल्ट में छापा मारा. सीबीआई के अधिकारियों का दिमाग़ उस समय सन्न रह गया, जब उन्हें पता चला कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के ख़ज़ाने में नक़ली नोट हैं. रिज़र्व बैंक से मिले नक़ली नोट वही नोट थे, जिसे पाकिस्तान की खु़फिया एजेंसी नेपाल के रास्ते भारत भेज रही है. सवाल यह है कि भारत के रिजर्व बैंक में नक़ली
नोट कहां से आए? क्या आईएसआई की पहुंच रिज़र्व बैंक की तिजोरी तक है या फिर कोई बहुत ही भयंकर साज़िश है, जो हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को खोखला कर चुकी है. सीबीआई इस सनसनीखेज मामले की तहक़ीक़ात कर रही है. छह बैंक कर्मचारियों से सीबीआई ने पूछताछ भी की है. इतने महीने बीत जाने के बावजूद किसी को यह पता नहीं है कि जांच में क्या निकला? सीबीआई और वित्त मंत्रालय को देश को बताना चाहिए कि बà
बैंक अधिकारियों ने जांच के दौरान क्या कहा? नक़ली नोटों के इस ख़तरनाक खेल पर सरकार, संसद और जांच एजेंसियां क्यों चुप है तथा संसद अंधेरे में क्यों है?\"